कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से मोदी सरकार को मिलेगी राहत

नई दिल्ली 
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट मोदी सरकार को बड़ी राहत दे सकती है। बुधवार को ये कीमतें 40 दिनों के सबसे निचले स्तर 65 डॉलर प्रति बैरल पर रहीं। बता दें कि 3 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे की कीमत 86 डॉलर प्रति बैरल के स्तर तक पहुंच गई थी। ऐसे में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आने के बाद माना जा रहा है कि इससे भारत सरकार को कई तरह के दबावों से मुक्ति मिलेगी। 
अमेरिका द्वारा ईरान पर लगाए गए हालिया प्रतिबंधों के बाद इसका प्रभाव तेल की कीमतों पर पड़ने की आशंकाएं जताई जा रही थीं। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भारत सहित 8 देशों को इन प्रतिबंधों से अस्थाई छूट दे दी। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के उत्पादन में भी वृद्धि हुई है। ऐसे में ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध लागू होने के बाद भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई है। 
भारत के 5 राज्यों में विधानसभा चुनावों को देखते हुए कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट मोदी सरकार के लिए बड़ी राहत का संकेत मानी जा रही है। गौरतलब है कि भारत सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतों और डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोर स्थिति को लेकर पिछले कुछ समय से लगातार दबाव में चल रही है। ऐसे में कच्चे तेल की कम कीमतों से भारत का तेल आयात बिल कम होगा। इससे साथ ही भारत का करंट अकाउंट डेफिसिट (CAD) भी कम होगा। 


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