अब BSE पर भी कमोडिटी ट्रेडिंग शुरू, जानें खास बातें
नई दिल्ली. कमोडिटी के निवेशकों के लिए खुशबरी है. अब बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर भी कमोडिटी ट्रेडिंग शुरू हो गई है. आज बीएसई ने सोने और चांदी में वायदा कारोबार शुरू कर कमोडिटी वायदा बाजार में भी कदम रख दिया है. यह पहला मौका है, जब कोई स्टॉक एक्सचेंज कमोडिटी ट्रेडिंग में उतरा है.
NSE में 12 अक्टूबर से कमोडिटी कारोबार
इस कदम से कमोडिटी डेरिवेटिव्स मार्केट और इससे जुड़े हाजिर बाजारों के बीच बेहतर संबंध स्थापित करने में मदद मिलने की उम्मीद है. बीएसई की तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) 12 अक्टूबर से कमोडिटी में ट्रेडिंग शुरू करेगा.
एक साल तक नहीं चुकानी होगी ट्रांजेक्शन फीस
बीएसई ने एक साल तक कमोडिटी ब्रोकरों पर किसी तरह का चार्ज नहीं लगाने का फैसला किया है. एक्सचेंज के मुताबिक, कमोडिटी सेगमेंट में आने से कारोबारियों और किसानों को प्राइस डिस्कवरी में मदद मिलेगी.
एक्सचेंज का दावा है कि उनके प्लेटफॉर्म पर कमोडिटी ट्रेडिंग की लागत कम है. इसके अलावा एक्सचेंज ने इस बात का भी भरोसा दिया है कि उनका प्लेटफॉर्म काफी यूजर-फ्रेंडली भी है. एक्सचेंज का रिस्क मैनेजमेंट भी काफी बेहतर है.
ईटी नाऊ को दिये एक साक्षात्कार में बीएसई के प्रवक्ता ने कहा कि देश में कमोडिटी की फिजिकल डिलीवरी समय की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इक्विटी डेरिवेटिव्स की फिजिकल डिलीवरी भी प्रोत्साहित की जानी चाहिए.
सुबह 10 बजे से रात 11.30 बजे तक ट्रेडिंग
प्रवक्ता ने कहा है कि बीएसई व्यवस्थित कमोडिटी बाजार की दिशा में काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि बीएसई पर सोमवार से शुक्रवार तक सुबह 10 बजे से 11.30 बजे कमोडिटी में ट्रेडिंग होगी.
बीएसई में सोने के वायदा का लॉट साइज एक किलो और चांदी का 30 किलो है. फिलहाल दोनों का डिलीवरी सेंटर अहमदाबाद में है. एक्सचेंज का शुरू में फोकस सिर्फ नॉन-एग्री कमोडिटीज पर रहेगा.
एनएसई को अपने कमोडिटी डेरिवेटिव प्लेटफॉर्म पर गोल्ड 1 किलो, गोल्ड मिनी (100 ग्राम) और सिल्वर (30 किलोग्राम) में कमोडिटी ट्रेडिंग की सेबी की मंजूरी मिली है.
NSE में 12 अक्टूबर से कमोडिटी कारोबार
इस कदम से कमोडिटी डेरिवेटिव्स मार्केट और इससे जुड़े हाजिर बाजारों के बीच बेहतर संबंध स्थापित करने में मदद मिलने की उम्मीद है. बीएसई की तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) 12 अक्टूबर से कमोडिटी में ट्रेडिंग शुरू करेगा.
एक साल तक नहीं चुकानी होगी ट्रांजेक्शन फीस
बीएसई ने एक साल तक कमोडिटी ब्रोकरों पर किसी तरह का चार्ज नहीं लगाने का फैसला किया है. एक्सचेंज के मुताबिक, कमोडिटी सेगमेंट में आने से कारोबारियों और किसानों को प्राइस डिस्कवरी में मदद मिलेगी.
एक्सचेंज का दावा है कि उनके प्लेटफॉर्म पर कमोडिटी ट्रेडिंग की लागत कम है. इसके अलावा एक्सचेंज ने इस बात का भी भरोसा दिया है कि उनका प्लेटफॉर्म काफी यूजर-फ्रेंडली भी है. एक्सचेंज का रिस्क मैनेजमेंट भी काफी बेहतर है.
ईटी नाऊ को दिये एक साक्षात्कार में बीएसई के प्रवक्ता ने कहा कि देश में कमोडिटी की फिजिकल डिलीवरी समय की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इक्विटी डेरिवेटिव्स की फिजिकल डिलीवरी भी प्रोत्साहित की जानी चाहिए.
सुबह 10 बजे से रात 11.30 बजे तक ट्रेडिंग
प्रवक्ता ने कहा है कि बीएसई व्यवस्थित कमोडिटी बाजार की दिशा में काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि बीएसई पर सोमवार से शुक्रवार तक सुबह 10 बजे से 11.30 बजे कमोडिटी में ट्रेडिंग होगी.
बीएसई में सोने के वायदा का लॉट साइज एक किलो और चांदी का 30 किलो है. फिलहाल दोनों का डिलीवरी सेंटर अहमदाबाद में है. एक्सचेंज का शुरू में फोकस सिर्फ नॉन-एग्री कमोडिटीज पर रहेगा.
एनएसई को अपने कमोडिटी डेरिवेटिव प्लेटफॉर्म पर गोल्ड 1 किलो, गोल्ड मिनी (100 ग्राम) और सिल्वर (30 किलोग्राम) में कमोडिटी ट्रेडिंग की सेबी की मंजूरी मिली है.
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